गोल्ड दादी कमलेश देवी ने भी बताया कि उन्हें शुरू से ही खेल का शौक रहा है. लेकिन इस उम्र में उनका सपना पूरा हुआ. अब दोनों को उम्मीद है कि प्रशासन और सरकार की तरफ से उन्हे कुछ न कुछ मदद जरूर मिलेगी. क्योंकि दोनों ही पेंशन के रुपये को खर्च कर बाहर खेलने के लिए जाती हैं और देश के लिए पदक जीतती हैं|