लखनऊ:- उत्तर प्रदेश में आम लोग ही नहीं खुद पुलिस भी असुरक्षित है। इसका सबूत लखनऊ में देखने को मिला। जब डीजी ऑफिस में तैनात आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के अपहरण की अफवाह फैल गई। आईपीएस अफसर के अपहरण की सूचना पुलिस को 100 नंबर पर मिली थी। जिससे पूरे पुलिस महकमे में खलबली मच गई। हिमांशु कुमार के अपहरण की खबर के बाद पुलिस उनके घर पर पहुंची तो वे घर पर मिले। जिस महिला ने पुलिस को अपहरण की सूचना दी थी उसने पुलिस को बताया था कि वह हिमांशु की बहन नीलम बोल रही है उनके भाई आईपीएस हिमांशु कुमार का किसी ने अपहरण कर लिया है। लेकिन जब पुलिस उनके घर पहुंचे तो वह घर में सोते मिले। हिमांशु कुमार ने बताया कि उनकी कोई बहन नहीं है।, सिर्फ एक भाई है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक आइपीएस के अपहरण की किसी ने गलत सूचना दे दी थी। हिमांशु का मोबाइल फोन कहीं गिर गया था, जिसका दुरुपयोग कर किसी ने परिजनों को गलत जानकारी दी थी।
पुलिस के मुताबिक अपहरण की झूठी सूचना देने वाले ने पहले हिमांशु कुमार के बिहार स्थित पैतृक गांव में फोन किया था। इसके बाद 100 नंबर पर सूचना दे दी। उनका कहना है कि किसी ने उक्त फोन का गलत इस्तेमाल कर परिचितों को मैसेज भेजा था, जिसके बाद यह अफवाह फैल गई। हिमांशु कुमार पहले भी कई बार चर्चा में आ चुके हैं।
2010 बैच के आईपीएस हिमांशु कुमार पिछले साल मार्च में पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग और सस्पेंशन पर जातिगत टिप्पणी की वजह से निलंबित कर दिया गया था। बहाली के बाद हाल में ही बांदा में वह चोटिल हो गए थे, जिसमें उनका पैर फ्रैक्चर हो गया था। यही नहीं इससे पहले जुलाई 2010 में उनका पत्नी के बीच हुआ विवाद सुर्खियों में आ गया था। हिमांशु ने जुलाई 2016 में अपनी पत्नी प्रिया सिंह के खिलाफ हैकिंग और डाटा चोरी की एफआइआर भी दर्ज कराई थी। वहीं प्रिया ने उनके खिलाफ दहेज उत्पीडऩ की एफआईआर दर्ज करवाई थी।