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लुधियाना स्टेशन पर वैंडिंग गिरोह के मुखिया का कब्जा जारी;फर्जी ठेकेदार बनकर चौबीसों घंटे स्टेशन पर रहता है मौजूद।

फर्जीवाड़े और अवैध मौजूदगी पर कमर्शियल डिपार्टमैंट तथा आरपीएफ खामोश

लुधियाना,चैनल88न्यूज़ (ब्यूरो) : रेलवे स्टेशन पर अवैध रूप से काबिज वैंडिंग गिरोह का मुखिया बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां चला रहा है। उसकी अवैध मौजूदगी बारे पूछे जाने पर वह खुद को ठेकेदार बताता है, जबकि उसके नाम पर न तो कोई स्टाल अलाट है और न कोई ट्राली। वह असल में वैंडिंग गिरोह का मुखिया है, जो फर्जी ठेकेदार बनकर अनाधिकृत रूप से स्टेशन परिसर तथा ट्रेनों में अवैध गतिविधियां चलाता है।

वह किस हैसियत तथा किस मंत्तव से पूरा दिन स्टेशन परिसर में मौजूद रहता है और उसपर जुर्माना अथ्वा बाकी अवैध वैंडरों की तरह कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती, इसका कमर्शियल डिपार्टमैंट तथा आरपीएफ के पास कोई जवाब नहीं है। जबकि कमर्शियल डिपार्टमैंट तथा आरपीएफ उसकी अवैध मौजूदगी तथा संदिग्ध गतिविधियों बारे भलि भांति वाकिफ है। फिर भी ऐसे असामाजिक तत्वों खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने के चलते इन दोनों विभागों की कारगुजारी सवालों के घेरे में है।

गुमनाम चिट्ठीयां डालने तथा झूठी शिकायतें करने का भी माहिर

लुधियाना से जालंधर कैंट तक सक्रिय वैंडिंग गिरोह का मुखिया गुमनाम चिट्ठीयां डालने तथा झूठी शिकायतें करने का भी माहिर है। वह ईमानदारी से ड्यूटी करने वाले सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ झूठी शिकायतें डालता है और उन्हे ब्लैकमेल करके अपनी अवैध गतिविधियां चलाता है। जबकि अवैध वैंडर-कम-फर्जी ठेकेदार होने की वजह से वह किसी की शिकायत करने के योग्य ही नहीं है और वर्ष 2011 में गोल्डन टैंपल एक्सप्रेस में चोरी के मामले में नामजद रह चुका है।

सूत्रों की मानें तो वह जालंधर कैंट स्टेशन पर इंस्पैक्टर रैंक के एक अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायतें डालकर उसे भी ब्लैकमेल कर चुका है, क्योंकि उक्त अधिकारी ईमनादारी से ड्यूटी करते हुए उसपर नुकेल कस रहा था। इसके अलावा लुधियाना स्टेशन पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी तथा कुछ जीआरपी कर्मियों के खिलाफ भी गुमनाम चिट्ठीयां डाल रहा है।

कुछ दिनों पहले इसने अपना पर्दाफाश होने के डर से एक सीनियर पत्रकार को भी धमकाया और उसपर झूठे व बेबुनियाद आरोप लगाकर उसकी साफ सुथरी छवि खराब करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन यह दाव उलटा पड़ गया और इसने खुद को फंसता देख मामले को रफा दफा करने में ही अपनी भलाई समझी व गलती मानकर मामला निपटाया।

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