स्कूल में धड़ल्ले से बेची जा रही थी बुक्स;अब कहीं से भी ले सकते हैं बुक्स अब सकूल में नहीं मिलेगी किताबें।
लुधियाना,21 मई 2020,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- प्राईवेट सकूल माफिया द्वारा लाकडाऊन पीरियड दौरान टयूशन फीस ओर सकूल परीसर में किताबों को डबल रेट या इससे जयादा पर बेचने की शिकायतें लगातार मिलने के बाद आज सुबह मीडिया ने न्यू अमर नगर गली नंबर 2 मघर सिंह की चक्की स्थित PSEB के मैरी मिंट पब्लिक हाई सकूल का दौरा किया तो वहां मौका पर ही सकूल द्वारा अभिभावकों से पैसे लेकर कच्ची स्लिप दी जा रही थी , जिस पर सकूल को ही दुकान में बदल कर किताबों की बिक्री हो रही थी , हमने इसकी सीधी तसवीरें मौका पर ही उच्च शिक्षा अधिकारी को भेज दी , इसके बाद वाईस प्रिंसीपल मैडम सामने आईं लेकिन आन कैमरा सही जवाब नहीं दे पाईं , कुछ देर बाद सकूल की प्रिंसीपल से मिलवाया गया तो वह भी शिक्षा मंत्री के आदेशों को तोड मरोड़ कर इसकी दुहाई देने लगीं , लेकिन जब आन कैमरा ओर आन स्पीकर पंजाब सरकार के उच्च शिक्षा अधिकारी से बात कराई तो प्रिंसीपल साहिबां को मौका पर ही आदेश देना पड़ा कि अभिभावक बाजार में कहीं से भी किताबें ले सकते हैं सकूल परिसर से किताबें नहीं दी जाऐंगी , बच्चे चाहें तो पुरानी किताबें भी इस वर्ष इस्तेमाल कर सकते हैं ( हालांकि इससे पहले सुबह तक नई किताबें सकूल परिसर या शहर के एक ही बुक डीलर से लेने का हुकूम सकूल का था , लेकिन मीडिया के पहुंचने के साथ ही मौका पर आज आदेश वहां मौजूद अभिभावकों को दे दिया गया )
दुसरा मसला था रैगुलर टयूशन फीस का , सकूल की तरफ से लाकडाऊन पीरियड की आनलाईन टयूशन फीस पूरी ली जा रही थी … लेकिन इस पर भी सकूल की तरफ से अभी फिलहाल फीस पर रोक लगा दी गई है , अब मैरी मिंट के किसी अभिभावको को सरकार के अगले आदेश तक आनलाईन टयूशन फीस देने की जरूरत नहीं है … ! इस सकूल द्वारा पीडीएफ फाईल भेज कर ही इसे आनलाईन सलेबस कह कर ठगी मारी जा रही थी जो कि नियमों ओर कानून के खिलाफ है , सकूल द्वारा कहा गया है कि आज शाम तक सभी अभिभावकों को लाकडाऊन फीस ना देने ओर बुकस कहीं से भी लेने का मैसेज डाल दिया जाऐगा । सरकार ओर सकूल माफिया के बीच लूट की कढ़ी बनी यह वजह … शिक्षा मंत्री द्वारा आदेश दिए गए थे कि सकूल आनलाईन टयूशन फीस ले सकता है … , लेकिन इन आदेशों में पेच यह है कि कितनी फीस ? मान लो आप पहले रैगुलर आठ सब्जैक्ट की टयूशन फीस एक हजार दे रहे थे , लेकिन अब आनलाईन ( जो कलास वीडीयो कालिंग द्वारा लगातार 45 मिन्ट तक पढ़ाई जाए , उसे ही आनलाईन कलास माना जाता है ) दो या तीन सब्जैक्ट रोजाना पढ़ाई हो रही है तो आठ सब्जैक्ट की रैगुलर फीस एक हजार ही क्युं दें अभिभावक ? पढ़ाई जितने सब्जैक्ट की हो रही है उसी के हिसाब से डिवाईड करके ही सकूल फीस ले सकता है । अगर इस रेशो या रूल से बाहर जाकर सकूल पैसा मांगता है तो वह ठगी है । पूरी रैगुलर टयूशन फीस लेने के आरंडर लिखित में किसी सकूल के पास नहीं है । अभिभावक किसी डर में ना रहें कि सकूल आपके बच्चे का साल करेगा , ऐसा कोई सकूल नहीं कर सकता , बस अभिभावकों को डर निकालना होगा …