कोरोना के खिलाफ जंग में 1950 टोलफ्री नंबर बन रहा है मजबूत सहयोगी : श्याम लाल पूनिया
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उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने दिया कोरोना योद्धाओं को विशेष प्रोत्साहन।चैनल88

सोनीपत, 11 जून 2020 (नवीन बंसल):- जनसुरक्षा व जनसेवा के समक्ष लोगों का बेरूखा व असहयोगी व्यवहार मायने नहीं रखता। इस उद्देश्य व सोच के साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 से आम जनमानस को संरक्षित रखने के लिए एएनएम और आशा वर्कर समर्पित भाव से लोगों को जागरूक करने में जुटी हुई हैं। प्रतिबंधित क्षेत्रों में बेहद कर्मठता के साथ वे घर-घर जाकर सैंपलिंग व जांच का कार्य कर रही हैं। एक सच्चे कोरोना योद्धा के रूप में स्वास्थ्य विभाग की एएनएम व आशा वर्करों की टीम महामारी के साथ जारी जंग में डटी हुई हैं, जिन्हें उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने भी सलाम किया है।
जिला स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा वर्करों की टीम कोविड-19 कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रयासरत हैं। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम दिन-रात आपदा को नियंत्रित करने में जुटी हुई हैं। इनमें एएनएम तथा आशा वर्करों की भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य विभाग ने सोनीपत जिला को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विभाजित किया है। शहरी क्षेत्र की कमान डा. नीरज को तथा ग्रामीण क्षेत्र की जिम्मेदारी डा. गीता दहिया को सौंपी गई है। इनके निर्देशन में एएनएम व आशा वर्कर तथा आंगनबाड़ी वर्कर मिलकर कोरोना से बचाव की अलख जगा रही हैं।
  उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कोरोना योद्धाओं को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि अपनी सुरक्षा की चिंता न करते हुए लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना पुण्य का कार्य है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा स्टाफ (चिकित्सक, स्टाफ नर्स, एएनएम, आशा वर्कर इत्यादि) सही मायनों में कोरोना योद्धा हैं। कोरोना की रोकथाम में इनकी विशेष भूमिका रहेगी। आम जनमानस को भी इन्हें पूर्ण सहयोग देना चाहिए।

लोगों का सहयोग अपेक्षित:

एएनएम राजेश, अनीता, धर्मकौर और सरोज कहती हैं कि वे लोगों से सहयोग की अपेक्षा रखती हैं। किंतु कई बार ऐसा नहीं होता। इसके बावजूद वे निराश नहीं होती, क्योंकि लोगों को वैश्विक महामारी से बचाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोग कई बार उनके साथ ही झगड़ा करने लगते हैं, जिन्हें समझाना पड़ता है कि जांच उनके हित में ही है।

मुंह पे कर देते हैंं दरवाजा बंद:

आशा वर्कर मीना, पूजा, पूनम व सोनिया ने बताया डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान कई बार लोग उनके मुंह पर ही दरवाजा बंद कर देते हैं। किंतु वे निराश नहीं होती। राष्ट्र सेवा व जनसेवा के आगे लोगों का यह व्यवहार उन्हें डगमगा नहीं पाता। लोग ताना भी मारते हैं किंतु वे अपने उद्देश्य से विचलित नहीं होती।

नोडल अधिकारी डा. नीरज व डा. गीता का संदेश:

डोर-टू-डोर सर्वे की नोडल अधिकारी डा. नीरज व डा. गीता दहिया लोगों से सहयोग की अपील करती हैं। उनका कहना है कि उनकी टीम प्रतिबंधित क्षेत्रों में सर्वे करती है, ताकि कोरोना वायरस के फैलाव को रोका जा सके। साथ ही कांटैक्ट ट्रेसिंग में भी सर्वे मददगार साबित होता है। उन्होंने कहा कि संक्रमित लोगों को व उनके परिजनों को यह बात छिपानी नहीं चाहिए। सबके एकजुट सहयोग व प्रयासों से कोरोना की जंग जीतने में मदद मिलेगी।

शहरी क्षेत्र में 28335 घरों का कर चुके सर्वे:

नोडल अधिकारी डा. नीरज बताती हैं कि शहरी क्षेत्र में 77 प्रतिबंधित क्षेत्र हैं। इनमें 28335 घरों का सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिसमें करीब 144022 लोग शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में सर्वे के लिए 438 कर्मियों व 86 सुपरवाईजरों ने सहयोग दिया। प्रतिबंधित क्षेत्रों में 375 सैंपल लिए गए तथा 550 लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की गई।  

ग्रामीण क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार 911 घरों का हुआ सर्वे:

ग्रामीण क्षेत्र की नोडल अधिकारी डा. गीता दहिया ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत 125 प्रतिबंधित क्षेत्र बनाये गये हैं। इनमें 39 क्षेत्रों में 28 दिन तथा 64 क्षेत्रों में 14 दिन की समयावधि पूर्ण हो चुकी है। प्रतिबंधित क्षेत्र के तहत 1 लाख 12 हजार 911 घरों का सर्वे किया गया है, जिनमें 5 लाख 37 हजार 27 लोग शामिल हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे टीम में 1040 कर्मचारी शामिल है।

14 दिनों तक लगातार की जाती है जांच:

डा. गीता दहिया व डा. नीरज ने बताया कि प्रतिबंधित क्षेत्र में शुरुआती 14 दिनों तक रोजाना नियमित रूप से लोगों की जांच की जाती है। यह कार्य एएनएम व आशा वर्कर, एमपीएचडब्ल्यू, हैल्थ इंसपेक्टर व लेडी हैल्थ विजिटर की टीम करती हैं। इसके बाद 28 दिन की अवधि पूर्ण होने तक दूसरी टीम जांच का कार्य करती है, जिसमें चिकित्सक सहित एक फार्मासिस्ट, एक फिजिशियन व एक तकनीशियन को शामिल किया जाता है। दूसरी टीम आवश्यकतानुसार जांच का कार्य करती है। इस दौरान लोगों को नि:शुल्क रूप से दवाई भी दी जाती है, ताकि वे प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर न आयें।

सरकार व प्रशासन दे रहा पूर्ण सुविधाएं:

डा. नीरज व डा. गीता दहिया सहित एएनएम राजेश व आशा वर्कर पूजा ने कहा कि सरकार व जिला प्रशासन से हर प्रकार की बेहतरीन सुविधाएं मिल रही हैं। सर्वे कार्य के लिए उन्हें मास्क, सैनेटाईजर इत्यादि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाये जाते हैं। लोगों को भी कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों को सावधानी व जागरूकता के साथ खुद का बचाव करना चाहिए।

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