चंडीगढ़ 8 अगस्त 2020,चैनल88 न्यूज़ (इन्दु/नवीन बंसल):- हरियाणा में शराब घोटाले की जांच करने वाली SET को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटालाऔर गृह मंत्री अनिल विज के बीच एक बार फिर से टकराव सामने आ गया। जहां, अनिल विज ने SET की रिपोर्ट के आधार पर आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी और सोनीपत की पूर्व SP प्रतीक्षा गोदारा को शराब घोटाले का जिम्मेदार मानते हुए विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी।
वहीं दूसरी ओर, दुष्यंत चौटाला ने विज के आरोपों और SET की सिफारिशों का पूरे तथ्यों के आधार पर जवाब देते हुए इसे खारिज कर दिया। इससे विज और दुष्यंत चौटाला के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं।
आबकारी एवं कराधान मंत्री के नाते Deputy CM Dushyant Chautala ने चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता की और कहा कि एसईटी की रिपोर्ट तथ्यहीन और दुर्भावना से प्रेरित है।
खास बात आपको बता दें कि गठबंधन की सरकार से पहले स्वास्थ्य विभाग में दवाइयों के घोटाले पर विज और दुष्यंत में टकराव हो चुका है।
दुष्यंत ने एसईटी की रिपोर्ट में दर्ज 14 FIR का जिक्र करते हुए विज से सवाल किया कि उन्हें इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि आज तक इन FIR में ड्राइवर से ऊपर तक जांच क्यों नहीं पहुंच पाई, जबकि यह सारी FIR मेरे आबकारी एवं कराधान मंत्री बनने से पहले की हैं। विज ने इन FIR की गहराई से जांच क्यों नहीं कराई।
दुष्यंत चौटाला ने आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी का खुलकर बचाव किया। उन्होंने कहा कि मैैं एसईटी की सिफारिशों से किसी सूरत में सहमत नहीं हूं, क्योंकि न केवल राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि तस्करी भी रुकी है। पुलिस विभाग की खामियों को आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों के मत्थे मढकर गृह मंत्री अनिल विज अपने विभाग की कमियों के बचाव में लगे हुए हैं।
आबकारी नियमों के तहत नहीं दी जा सकती थी अधिकारियों को शराब फैक्ट्री में जांच की इजाज़त– डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम के अनुसार एसईटी ने जितनी भी 12 सिफारिशें अपनी रिपोर्ट में की हैैं, वह सभी हरियाणा की आबकारी पालिसी में हैं। इसका मतलब साफ हुआ कि सिफारिशें देते हुए प्रदेश की आबकारी पालिसी को पढ़ा ही नहीं गया। डिस्टलरी में सीसीटीवी लगाना पालिसी का पार्ट है।
डिप्टी सीएम ने एसईटी की रिपोर्ट में उल्लेखित उस तथ्य को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया कि आबकारी एवं कराधान आयुक्त शेखर विद्यार्थी ने लॉकडाउन में ठेके बंद करने के आदेश नीचे तक नहीं पहुंचे। दुष्यंत चौटाला ने कहा, 26 मार्च को मैंने खुद अपने अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये ठेके बंद करे के आदेश दिए और 27 मार्च को सुबह 11 बजे तक सभी 22 जिलों से ठेके बंद होने संबंधी रिपोर्ट मुख्यालय आ गई थी। इस रिपोर्ट के आने के बाद लिखित आदेश जारी करने का कोई मतलब नहीं था। इसका मतलब साफ है कि ईटीसी शेखर विद्यार्थी समेत पूरी टीम ने बेहतरीन काम किया।
डिप्टी सीएम ने विज द्वारा बताए गए एसईटी के उन तथ्यों को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया कि ईटीसी शेखर विद्यार्थी ने टीसी गुप्ता की टीम को किसी डिस्टलरी का दौरा नहीं करने दिया। दुष्यंत के अनुसार पंजाब के आबकारी एवं कराधान एक्ट में इस बात का प्रावधान है कि जब तक लिखित में कोई प्रस्ताव नहीं आएगा, तब तक डिस्टलरी की विजिट नहीं हो सकती। एसईटी प्रमुख टीसी गुप्ता की ओर से विभाग के पास लिखित में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया था।
उन्होंने बताया कि अब डिस्टलरी से जाकर सीसीटीवी कैमरों का फीड लेने का प्रावधान नहीं रहा। सभी डिस्टलरी को कहा गया है कि वह खुद विभाग के पास कैमरों का फीड पहुंचाएंगी। दुष्यंत ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि एसईटी हरियाणा की नहीं बल्कि पंजाब के प्लांट का दौरा करना चाहती थी, जो संभव ही नहीं था।
क्या कहना है अनिल विज का-
” हरियाणा के शराब घोटाले के मामले में एसईटी ने एक आइपीएस प्रतीक्षा गोदारा और एक आइएएस शेखर विद्यार्थी पर कार्रवाई की सिफारिश की है। बहुत जल्द ही इस पर एक्शन होता हुआ भी नजर आएगा। हमने सार्वजनिक रूप से जांच रिपोर्ट सामने रखी है, जो एसईटी ने दी। इस रिपोर्ट के आधार पर आबकारी एवं पुलिस दोनों विभागों की खामियां रही हैं। इसलिए हमने अधिक गहराई तक जाने तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मंशा से विजिलेंस जांच की सिफारिश की है। इसमें किसी को कोई डर नहीं होना चाहिए।