30 सितम्बर,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने से संबंधित केस में आज सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुनाया। घटना के 28 साल बाद मामले में फैसला आया है। अदालत ने सभी मुल्जिमों को अदालत में रहने को कहा था। जज एसके यादव ने अपने फैसले की शुरुआत में कहा कि यह पूर्व नियोजित घटनाक्रम नहीं था।
इस मामले में भाजपा के सीनियर लीडर लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 49 आरोपी हैं। इनमें से 17 की मौत हो चुकी है। हालांकि आडवाणी, जोशी, उमा भारती को कोरोना महामारी देखते हुए छूट दी गई है।
वहीं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, सतीश प्रधान और महंत नृत्य गोपाल दास अस्वस्थ होने के कारण आज कोर्ट नहीं पहुंचे।इस ऐतिहासिक फैसले को सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने सुनाया, जिनके कार्यकाल का यह अंतिम फैसला है।