” ब्लड डोनेट करें , इंसानियत को प्रमोट करें ” का नारा लगाकर रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया,
लुधियाना 18 अक्टूबर,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- संत निरंकारी मिशन ब्रांच लुधियाना में सतगुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज के आदेश अनुसार मानवता की सेवा हेतु रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, संत श्री एच . एस . चावला जी ( ब्रांच एडमिन -पंजाब एंड चंडीगढ़ ) की अध्यक्षता में सेवादल के क्षेत्रीय संचालक श्री प्रितपाल सिंह जी की देख रेख में निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम से एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत ब्रांच के सेवादल तथा साध संगत के महापुरुषों ने मिलकर रक्तदान शिविर में भाग लिया, जिसमें 75 यूनिट ब्लड सिविल हॉस्पिटल लुधियाना को दिया गया, इस अवसर पर विशेष रूप से सिविल सर्जन लुधियाना श्री राजेश बग्गा जी एवं श्री दीपक पारीक IPS ADCP लुधियाना – 1 , मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, डाक्टर गुरिंदरदीप सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में उनकी टीम ने रक्तदान शिविर को सुचारु रूप से covid 19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए इस शिविर की व्यवस्था की, इस अवसर पर उन्होंने मिशन की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि निरंकारी मिशन सदगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिशा अनुसार मानवता की भरपूर सेवा कर रहा है, उन्होंने कोरोना काल में मिशन द्वारा मानवता के प्रति की गयी सेवाएं जैसे कि राशन वितरण , वृक्षारोपण , सफाई अभियान , रक्तदान शिविर आदि की भी भरपूर सराहना की, प्रातः 8 बजे से रक्तदान के लिए निरंकारी भक्तों की लाइनें लगनी शुरू हो गयीं, रक्तदान हेतु 103 अनुयाइयों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें से 75 महात्मा ही रक्तदान कर सके, लगभग 28 अनुयायी रक्तदान से वंचित रह गये, कोरोना काल में श्री एच . एस . चावला जी के मार्गदर्शन में पंजाब के कई स्थानों पर रक्तदान एवम सफाई अभियान चलाया गया, श्री एच . एस . चावला जी ने बताया कि मानवना की सेवा के लिए मिशन निरंतर सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहता है, एक यूनिट दिये गये ब्लड से चार व्यक्तियों को जीवनदान दिया जा सकता है,रक्तदान से शरीर में कोई कमी नही होती, 18 से 65 वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति हर 3 महीने के अंतराल के बाद रक्तदान कर सकता है, रक्तदान करने से हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नही आती है, रक्तदान केवल मनुष्य जीवन में ही किया जा सकता है,रक्तदान द्वारा मानवता को बढ़ावा दिया जाता है,रक्तदान व्यवस्था में समस्त ज्ञान प्रचारक , सेवादल शिक्षक , सेवादल व साध संगत के भाई – बहनों ने सहयोग दिया ।