चंडीगढ़, 8 अगस्त 2020,चैनल88 न्यूज़ (इन्दु/नवीन बंसल):- इनेलो नेता एवं विधायक चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक करोड़ 10 लाख बोतलें अधिकारियों के साथ सरकार में बैठे लोगों ने मिलीभगत करके डिशटलरी से निकालकर महंगे दामों पर बेच दी। एसईटी ने जांच के दौरान ये माना कि इसका जिक्र कहीं नहीं है और आबकारी विभाग ने भी माना कि यह शराब उनके यहां से गई है। एसईटी को सिर्फ फतेहाबाद के एक डीईटीसी ने रिपोर्ट दी लेकिन 21 जिलों के डीईटीसी ने यह कहकर मना कर दिया कि हमने अपनी रिपोर्ट आबकारी विभाग को भेज दी है, वहां से ले लें। यह कमेटी शराब घोटाले की जांच के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई थी और उनको वे दस्तावेज देने बनते थे। इससे साफ होता है कि इस घोटाले में आबकारी मंत्री का सीधा हाथ है, वहीं आबकारी मंत्री द्वारा एक्साइज कमिश्नर को क्लीनचिट दे दी गई जो कि सीधे-सीधे मुख्यमंत्री को चुनौती दी गई है।
इनेलो नेता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस के नाके हर तरफ लगे हुए थे, फिर ये शराब की तस्करी कैसे हुई? गृहमंत्री विजिलेंस जांच के नाम पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते। पुलिस महकमा भी उतना ही निकम्मा और नकारा है जितना आबकारी विभाग है। दोनों ने मिलकर ही इस घोटाले को अंजाम दिया है। मुख्यमंत्री को दोनों मंत्रियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर मुख्यमंत्री इस घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच नहीं करवाते तो फिर यही समझा जाएगा कि मुख्यमंत्री भी इसमें मिले हुए हैं और अगर ऐसा है तो फिर सभी चोर-चोर मोसेरे भाई इक_े हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार में आपस में कोई मतभेद नहीं है ये तो सिर्फ एक-दूसरे को बचाने का रास्ता निकाल रखा है कि एक-दूसरे पर आरोप लगा दो फिर एक जांच कमेटी बिठा दो और जांच कमेटी से जांच उनके हक में करवाकर ठंडे बस्ते में डालकर क्लीन चिट दे दो। आज हरियाणा प्रदेश की शराब बिहार, गुजरात, दिल्ली और यूपी में पकड़ी जाती है, इसका मतलब इसमें सभी मिले हुए हैं और खुद चोरी करवाते हैं। उन्होंने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि जैसे पंजाब में शराब पीने से 100 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है वैसे ही लॉकडाउन के दौरान हुई शराब तस्करी के कारण अगर हरियाणा में भी मौतें हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता?
इनेलो नेता ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शराब घोटाले में पकड़ा गया भूपेंद्र नाम का व्यक्ति विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नजदीकी आदमी है। इसने हुड्डा के सोनीपत लोकसभा चुनाव के दौरान खरखौदा में 31 लाख रुपए की राशि भेंट की थी। चंदा वही लोग देते हैं जो सरकार का फायदा उठाते हैं। हुड्डा ने इस घोटाले पर आज तक एक भी टिप्पणी नहीं की। इसका मतलब हुड्डा को डर है कि अगर इस घोटाले पर कुछ बोला तो घोटाले का सरगना भूपेंद्र उसका नाम न ले दे।
इनेलो नेता ने कहा कि मुझे भी 30 साल हो गए राजनीति करते हुए। इन तीस सालों में बहुत से मुख्यमंत्री आए जिन पर बड़े-बड़े आरोप लगे लेकिन जो आरोप इस भाजपा गठबंधन की सरकार पर लग रहे हैं जिसमें भ्रष्टाचार को खुला बढ़ावा दिया जा रहा है उससे स्पष्ट है कि प्रदेश का दिवालिया पीट दिया है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। भ्रष्टाचार चरम पर है और मुख्यमंत्री सिर्फ अखबार में बयानबाजी करके लीपापोती कर रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री प्रदेश के हितैषी हैं तो उनको घोटालों की जांच सीबीआई से कराने का बड़ा फैसला लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस सरकार में पिछले नौ महीनों में हुए नौ घोटालों की सीबीआई जांच के लिए हमने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी थी और उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हम इन घोटालों के दस्तावेज इखट्टे कर रहे हैं और अगर सरकार ने इन घोटालों की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी तो हम इन घोटालों को हाईकोर्ट के सामने रखेंगे और हाईकोर्ट से गुहार लगाएंगे कि सरकार प्रदेश को लूटने में लगी है। अब कोई इस प्रदेश की जनता को न्याय दिला सकता है तो केवल आपसे उम्मीद की जा सकती है।