सोनीपत,28 फरवरी चैनल88न्यूज़ (ब्यूरो) पुलिस के संरक्षण में शातिर अपराधी भी मौज उड़ा रहे हैं और पुलिस की दादागिरी के चलते पीडि़त फरियादी भी खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं ।जी हां!यह मामला है सोनीपत की महिला पत्रकार इंदु बंसल का जिनके साथ दो जनों यानि (पिता- पुत्र )ने लाखों की धोखाधड़ी कर जान से मारने की धमकी दी।अनेकों बार पुलिस महकमे में फरियाद के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो गृह मंत्री अनिल विज के निर्देश पर गठित एसआईटी की जांच के बाद भी एडीए पुलिस की सलाह के बाद IPC की धारा 406,420,467,468 व471 के तहत मजबूरन मुकदमा दर्ज करना पड़ा।नामजद आरोपियों में एक सरकारी स्कूल में अध्यापक है।लेकिन दिलचस्प बात यह है कि 2 जनवरी,2020 को मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर एक आरोपी के अधिकारियों को सूचना तक नहीं दी गई जबकि आरोपी इस दौरान स्कूल में हाजिरी लगाता रहा। लेकिन पुलिस अधीक्षक और गृहमंत्री के लिखित आदेशों के बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार तक नहीं किया गया। अधिक दबाव बढ़ता देख आरोपियों ने जिला सत्र न्यायालय में जो अग्रिम जमानत याचिका लगाई वह निरस्त होने के बाद भी सोनीपत पुलिस द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार न किया जाना पुलिस की कार्य प्रणाली पर गहरा संदेह इंगित करता है।
यह था धोखधड़ी का पूरा मामला।
इंदु बंसल ने बताया कि जब मैंने आशीष पांचाल से पक्के बिल मांगे तो इसने मुझे देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे IBM, GOOGLE, GODADDY, VIDEO WIHSPER व अन्य कई कम्पनियों के बिलों की प्रतिलिपि मुझे दी l इसके कुछ दिन बाद मेरे एक परिचित का फोन आया जिसने मुझे बताया कि आशीष पांचाल ने किस प्रकार धोखाधड़ी करके आपसे पैसे ऐंठे हैं व उसने साइबर क्राइम करके उसने आपका फ़ोन भी हैक किया है और आपकी एंड्राइड एप को बार-बार क्रैश करके आपसे पैसे ऐंठता है l साथ ही उसने यह भी बताया था की प्रयागराज कुम्भ मेले में फ्रॉड इंडियन टीवी का मामला सामने आया था उसका मुख्य सूत्रधार भी आशीष पांचाल था l तब मैंने आशीष पांचाल के दिए हुए बिलों के बारे में उन कंपनियों से ईमेल के माध्यम से बात की तो उन कंपनियों ने ईमेल के माध्यम से जवाब में कहा कि सभी बिल नकली हैं l
इतना ही नहीं शातिर अपराधियों को पुलिस अधीक्षक व गृह मंत्री के आदेशों के बावजूद भी गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस न जाने किस दबाव में पीडित महिला पत्रकार पर लगातार समझौते का दबाव बनाए हुए है।अब सवाल यह उठता है कि पुलिस का काम नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाना है या फिर पीड़ित पर ही विभिन्न तरीकों से दबाव बनाकर समझौते के लिए प्रताडित करना।फिर चाहे पुलिस को पीड़ित के विरुद्ध ही झूठी एफआईआर ही दर्ज क्यों न करनी पड़े।
सोनीपत पुलिस की कार्यप्रणाली का हाल यह है कि पीडि़त फरियादी महिला पत्रकार को तो विभिन्न हथकंडों से प्रताडित किया जा रहा है जबकि अपराधी मजे से खुले घूम रहे हैं।पीडित महिला पत्रकार इन्दू बंसल ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने की नीयत से उसके व उसके पति नवीन बंसल के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया है और उन्हें गिरफ्तार करने हेतु उनके परिजनों को लगातार प्रताडित किया जा रहा है।ऐसे में वह निरंतर खौफ के साए में जीने को मजबूर है।सुश्री बंसल का कहना है कि न जाने किसके दबाव में पुलिस मुझे न्याय दिलाने की बजाय आरोपियों से समझौते हेतु पूरी ताकत लगा रही है।जबकि वह हर हाल में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर रहेगी। इसके लिए चाहे उसे कितना भी संघर्ष क्यों न करना पड़े। सुश्री बंसल के अनुसार आरोपी और पुलिस एक ही भाषा बोल रहे हैं और उसके पति को रेप व एस.सी./एस.टी एक्ट जैसी संगीन धाराओं में फंसाने की धमकी भी खुलेआम दे रहे हैं। वह शीघ्र ही गृहमंत्री से मिल सभी आरोपियों पर अविलंब कार्रवाई कर अपने पद का दुरुपयोग करने वाले पुलिस कर्मचारियों का इलाज करने की मांग भी करेंगी।इस मामले में राज्य के कई पत्रकार संगठनों ने भी शीघ्र ही मुख्यमंत्री व देश के गृहमंत्री अमित शाह से मिलकरसभी दोषियों पर ठोस कार्रवाई कराने का निर्णय लिया है चाहे वह कितना ही बड़ा रसूख वाला क्यों न हो ?