सोनीपत 5 जुलाई 2020,चैनल88 न्यूज़ (इन्दु बंसल):- सोनीपत में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रेस वार्ता के दौरान मौजूदा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया। इस अवसर पर हुड्डा ने बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चुनौती दी है। चंडीगढ़ जाने से पूर्व उन्होंने देश की सीमा पर शहीद हुए सैनिकों दो पुलिस कर्मियों के मारे जाने पर व पूर्व विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा को श्रद्धांजलि दी।पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चुनौती देते हुए कहा कि अगर सरकार को अपने विकास कार्यों पर भरोसा है तो CM खट्टर को ख़ुद बरोदा उप-चुनाव में बतौर उम्मीदवार उतरना चाहिए। अगर खट्टर उप-चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनके सामने चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं। अगर ऐसा होता है तो 2024 के बजाए बरोदा उप-चुनाव में ही सरकार के विकास कार्यों और उसकी लोकप्रियता का फ़ैसला हो जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री खट्टर के बरोदा में दिए बयान को गैर ज़िम्मेदाराना करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अगर बरोदा की जनता सरकार में हिस्सेदारी चाहती है तो बीजेपी को वोट दे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि ज़िम्मेदार पद पर बैठकर मुख्यमंत्री को ऐसी हल्की बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिए। उन्हें हिस्सेदारी का प्रलोभन देने के बजाय बरोदा की जनता को आश्वासन देना चाहिए था कि वो यहां का विकास करवाएंगे, क्योंकि वो बरोदा समेत पूरे हरियाणा के मुख्यमंत्री हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि आज देश महामारी के चलते हर व्यक्ति संघर्ष में जुटा है। उन्होंने कहा कि इस महामारी में हमने इक्क्ठे होकर साथ चलते हुए मुकाबला करने की बात कही थी, लेकिन यह रवैया सरकार का भी होना चाहिए, लेकिन पारदर्शिता नहीं हुई। पेट्रोल व डीज़ल के भाव पर उन्होंने कहा कि तेल के भाव कम हो रहे हैं इन्होने उलटे जीएसटी बढ़ाकर भाव बड़ा दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद दूकानदार, किसान व अन्य सभी वर्ग परेशान हो चुका है। अपराध पर उन्होंने कहा कि आज आम आदमी के साथ पुलिस कर्मी भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा की कोई नया प्रोजेक्ट जैसे मेट्रो, यूनिवर्सिटी आदि नहीं लगी है।
सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश की राजनीति दिन प्रतिदिन गरमाती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को चुनौती दी है। हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री बरोदा से चुनाव मैदान में आ जाएं। मैं भी उनके समक्ष चुनाव लड़ूंगा। जनता कर देगी फैसला। पूर्व सीएम हुड्डा रविवार दोपहर को मुरथल रोड पर स्थित एक गार्डन में पत्रकारों से बातचीत करते रहे थे। सोनीपत पहुंचे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बरोदा उपचुनाव को लेकर कल चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। बरोदा उपचुनाव की बागडोर दीपेन्द्र सिंह हुड्डा संभालेंगे। उपचुनाव पूरा होने तक दीपेंद्र सिंह हुड्डा बरोदा ही रहेंगे। हुड्डा ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस सरकार से मजदूर, किसान हर वर्ग दुखी है। कोरोना जैसी महामारी से निपटने में भी प्रदेश सरकार विफल रही है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है। लोग अपनी सुरक्षा खुद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सरकार में हिस्सेदारी वाले बयान पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वह किस चीज में हिस्सेदारी देना चाहते हैं। विकास तो किया नहीं और न ही करना है। यहां की जनता अपराध और भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी नहीं चाहती। पूर्व सीएम हुड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में अपराध बढ़ गया है और सरकार नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि बरोदा हरियाणा का हिस्सा है और सीएम कह रहे हैं कि अगर बरोदा की जनता सरकार में हिस्सेदारी चाहती है तो बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को वोट देंं। उन्होंने कहा कि बरोदा की जनता स्वाभिमानी है। पूर्व सीएम भूपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना महामारी में देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। सरकार को जनहित को प्राथमिकता देनी चाहिए, लेकिन सरकार पैट्रोल व डीजल के दाम बढ़ाकर जनहित की भावनाओं पर कुठाराघात कर रही है। उन्होंने कहा कि लगातार पैट्रोल डीजल के दामों में इजाफा हो रहा है, जोकि न्यायोचित नहीं है। सरकार को चाहिए कि अब उस पर नियंत्रण लगाए, ताकि आमजन की आर्थिक स्थिति प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि आज कोरोना जैसी महामारी में विपक्ष सरकार के साथ खडा है, कोरोना महामारी को हमें संगठित होकर हराना होगा।
हुड्डा ने कहा कि 6 साल राज करने के बाद भी मुख्यमंत्री के पास बरोदा में गिनवाने के लिए एक भी काम नहीं है। जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान बरोदा में बिजली, पानी, रोजगार, सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य, सिंचाई, कृषि और व्यापार हर क्षेत्र में जमकर विकास हुआ। सच तो ये है कि बरोदा ही नहीं बीजेपी सरकार के पास पूरे हरियाणा में गिनवाने के लिए कोई भी बड़ा काम नहीं है। बीजेपी सरकार ने प्रदेश पर कर्ज़ को बढ़ाकर 60 हज़ार करोड़ से 2 लाख करोड़ कर दिया। बावजूद इसके बीजेपी ने पूरे कार्यकाल में कोई बड़ी यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, बड़ा संस्थान, बड़ा उद्योग, नयी रेलवे लाइन या मेट्रो लाइन स्थापित नहीं की। मौजूदा सरकार से ग़रीब, मध्यम वर्ग, मजदूर, दुकानदार, व्यापारी और कर्मचारी समेत हर वर्ग दुखी है। सबसे ज़्यादा मार किसान पर पड़ रही है। एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ तेल की कीमतें और सरकार की नीतियां किसान की दुश्मन बन बैठी हैं। बीजेपी 2022 तक किसान की आय दोगुनी करने का वादा करती है। लेकिन, लगातार खेती की लागत को दोगुना करने की दिशा में काम कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश और प्रदेश की जनता 5-C से घिरी हुई है। चीन और कोरोना से तो पूरी दुनिया ही परेशान है। लेकिन हरियाणा की जनता पर करप्शन, क्राइम और कास्टिज्म की अलग मार पड़ रही है। कांग्रेस सरकार में जो हरियाणा विकास, निवेश, खेलकूद और रोजगार में अव्वल हुआ करता था, वो आज क्राइम, करप्शन, बेरोजगारी और नशे में टॉप पर है। क्राइम का आलम ये है कि आज ना आमजन सुरक्षित है और न ही पुलिस वाले। सरेआम हत्याएं हरियाणा में आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि गोहाना में जिन दो पुलिसवालों की हत्या की गई है उनके परिवारों की मांग मानते हुए सरकार को उन्हें यूपी की तरह 1-1 करोड़ रुपये आर्थिक मदद और परिवार में एक-एक सरकारी नौकरी देनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ड्यूटी के दौरान शहीद हुए दोनों पुलिसवालों के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की।
हुड्डा ने कहा कि क्राइम ही नहीं करप्शन के मामले में भी बीजेपी सरकार नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है। धान ख़रीद, माइनिंग और शराब घोटाला सबके सामने है। घोटालों की जांच के लिए सरकार के भीतर ही किसी तरह का समन्व्य देखने को नहीं मिलता। शराब घोटाले की जांच को एसआईटी और एसईटी के फेर में उलझा कर रफा-दफा कर दिया गया। आजतक असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाकी घोटालों की भी जांच करने के बजाय, उन्हें ढंकने का काम किया गया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक जयतीर्थ, जगबीर मलिक, कुलदीप शर्मा, कमल हसीजा, मनोज रिढाऊ, धर्मपाल मालिक, जयवीर वाल्मीकि, अशोक छाबड़ा, ललित दीवान, सुरेश भरद्वाज व अन्य कई कोंग्रेसी कार्यकर्त्ता मौजूद थे।