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पत्रकार की मौत नही बल्कि निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता पर है हमला

पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव को नम आंखों से दी अंतिम विदाई।

प्रतापगढ़,15 जून चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):-  उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की दुर्घटना में मौत नहीं बल्कि यह निष्पक्ष और निर्भीक पत्रकारिता पर हमला है. पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव को नम आंखों से दी अंतिम विदाई दी गई. बता दे कि 13 जून 2021 को प्रतापगढ़ के टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की सड़क हादसे मे मौत हो गयी जबकि उनकी पत्नी ने इसे निर्मम हत्या कहा है । घटना से पहले उनके द्वारा चलाई गयी खबर से बौखलाए शराब माफियाओं ने उन्हे जान से मारने की धमकी भी दी थी और अपनी सुरक्षा के लिए सुलभ श्रीवास्तव ने पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया था. अंततः सुलभ श्रीवास्तव के साथ यह घटना घटित हो गई।जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया ने सुलभ श्रीवास्तव की मौत की घोर भर्त्सना करते हुए उनके परिजनों को  50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता के साथ घटना की निष्पक्ष जांच की मांग प्रदेश के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ जी से की है. इसी के साथ संगठन ने अविलंब अपराधियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज प्रदेश में पत्रकारों के साथ तमाम उत्पीड़न की घटनाएं हो रही हैं यहां तक की कई पत्रकार साथियों की अपराधियों ने इह लीला समाप्त कर दी है. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए देश व प्रदेश में कोई कानून नहीं है. संगठन देश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी व राज्य के माननीय मुख्यमंत्रियों से आगे कदम बढ़ाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की पुन: मांग करता है. जिससे देश के पत्रकार अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके और निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता कर सके।संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकार ने एक दिन पूर्व ही अपने साथ अनहोनी होने की आशंका से जनपद के पुलिस अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत भी कराया था यदि समय रहते पुलिस अधिकारियों ने पत्र का संज्ञान ले लिया होता तो शायद पत्रकार की जान बच जाती।आज पत्रकार को सच का सामना कराने पर धमकियां मिलनी शुरू हो जाती है विरोध करने पर पत्रकार पर ही आरोप लगने शुरू हो जाते है परिणामस्वरूप दबंगो के हौसले और बुलंद हो जाते है. यदि पत्रकार ही सुरक्षित नहीं रहेगे तो लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ कैसे निष्पक्ष और निर्भीक होकर अपने काम को अंजाम दे पायेगा।

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