लुधियाना,3 अक्टूबर चैनल88 (न्यूज़):- गाँधी जयंती के मौके पर आज कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीन पर भारत के व्यापार की निर्भरता को समाप्त करने तथा देश के रिटेल व्यापार को बहुराष्ट्रीय ई कॉमर्स कंपनियों एवं अन्य विदेशी कंपनियों के कुटिल चंगुल से छुड़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान ” व्यापार स्वराज्य” चलाने की घोषणा की है । यह अभियान 2 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत के आव्हान को ज़मीनी स्तर तक सफल बनाने तथा ई कॉमर्स सहित देश के घरेलू व्यापार को चीन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के आक्रमण से मुक्त कराने के लिए देश के सभी राज्यों के शहरों, गाँवों एवं कस्बों में करीब 40 हजार ज्यादा व्यापारिक संगठनों के माध्यम से चलाया जाएगा । इस व्यापार स्वराज्य अभियान के लिए कैट ने आज एक चार्टर भी जारी किया ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने कहा की अब यह वालमार्ट एवं अमेजन सहित अन्य विदेशी कंपनियों के साथ भारत के 7 करोड़ व्यापारियों की आर पार की लड़ाई है, एफडीआई पालिसी का सख्ती से पालन हो और उसका उल्लंघन करने पर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो तथा किसी भी प्रकार की सरकार की ढुल मुल नीति को चुस्त दुरुस्त किया जाना अब समय की आवश्यकता है ।भारत के रिटेल व्यापार को विदेशी कंपनियां द्वारा उनकी मनमर्जी के कारण बर्बाद करने नहीं दिया जाएगा, भारत के व्यापार पर पहला हक़ भारतीय व्यापारियों का है और अब कैट के नेतृत्व में देश भर के व्यापारी अपने हक़ की लड़ाई लड़ेंगे,अब या तो क़ानून के अंतर्गत यही कंपनियां व्यापार करें और यदि सरकार इन कंपनियों को फिर भी अनैतिक व्यापार करने का मौका देती है तो देश के व्यापारी अपना व्यापार बंद करेंगे, दोनों व्यापारी नेताओं ने स्पष्ट कहा की व्यापारियों की सहनशीलता को उनकी कमजोरी नहीं माना जाए।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने व्यापार स्वराज्य अभियान के लिए एक चार्टर जारी करते हुए बताया की चार्टर में ई कॉमर्स व्यापार के लिए तुरंत ई कॉमर्स पालिसी जारी हो, ई कॉमर्स व्यापार पर नजर रखने के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन हो, घरेलू व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा हो, राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का तुरंत गठन , जीएसटी कानून की दोबारा समीक्षा कर उसको सरल बनाया जाए ,सभी प्रकार के लाइसेंस निरस्त कर एक लाइसेंस की व्यवस्था हो, व्यापारियों को आसान शर्तों पर बैंकों से क़र्ज़ मिले, देश के व्यापारिक बाज़ारों का कायाकल्प हो, व्यापार पर लगे सभी कानूनों की दोबारा समीक्षा हो और गैर जरूरी कानूनों को रद्द किया जाए , मुद्रा योजना की दोबारा समीक्षा हो और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनी तथा माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के द्वारा क़र्ज़ दिया जाए , देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन स्कीम बने , देश भर के व्यापारियों का कम्प्यूटरीकरण करने के लिए एक पालिसी बने, दिल्ली के व्यापारियों को सीलिंग से हमेशा के लिए मुक्ति दिलाने के लिए एक कट ऑफ़ डेट के साथ आम माफ़ी योजना की घोषणा हो , महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रोत्साहन नीति बने, दिल्ली सहित देश भर में एक समान किराया क़ानून बने तथा व्यापारियों के लिए एक विशेष स्किल डेवलपमेंट स्कीम बने , यह आवश्यक है।
कैट ने यह भी कहा देश के व्यापारियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा वाणिज्य मंत्री श्री पियूष गोयल से बहुत आशाएं है क्योंकि गत वर्षों में सरकार द्वारा व्यापारियों के हितों के संरक्षण के लिए अनेक कदम केंद्र सरकार ने उठायें हैं, यदि सरकार देश के घरेलू व्यापार को हर मायने में मजबूत करने के लिए तैयार है, तो देश के व्यापारियों की ओर से कैट उनको आश्वस्त करती है की जीएसटी में पंजीकृत वर्तमान के लगभग 1 .25 करोड़ व्यापारिक प्रतिष्ठानों की संख्यां आगामी एक वर्ष में कम से कम 2 .5 करोड़ करेंगे, जिससे जहाँ एक तरफ सरकार को जीएसटी से प्राप्त राजस्व में वृद्धि होगी तो वहीँ दूसरी तरफ आय कर राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी।