संत शिरोमणि श्री गुरू रविदास महाराज के पावन पवित्र दिहाड़े पर विशाल वैचारिक सम्मेलन 25 फरवरी को: लवली, प्रेमी
राजरत्न अंबेडकर, कनाडा से एनआरआई चंचल मल होंगे मुख्य वक्ता; समाज से जुड़े अहम विषयों पर होगी चर्चा
लुधियाना: संत शिरोमणि श्री गुरू रविदास महाराज के पावन पवित्र दिहाड़े पर अंबेडकर नवयुवक दल यूनिट जगदीश कॉलोनी की तरफ से एक विशाल वैचारिक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई बुद्धिजीवी साथियों के साथ-साथ भारतीय संविधान के निर्माता परम पूज्य बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर का खून राजरत्न आंबेडकर जी पहुंच रहे हैं। यह आयोजन 25 फरवरी को दुर्गा कॉलोनी, ढंडारी खुर्द में सुबह लगभग 10:30 बजे से शुरू होकर के शाम 4 बजे तक चलेगा।
इस संबंधी एक बैठक दल के संरक्षक राजीव कुमार लवली और प्रधान बंसी लाल प्रेमी की अगुवाई में दुर्गा कालोनी रोड, ढंडारी खुर्द में एक बैठक अयोजित की गई। बैठक के दौरान संबोधित करते हुए, लवली और प्रेमी ने बताया कि सम्मेलन में बहुजन समाज में जन्मे तमाम महापुरुषों के विचारों के साथ-साथ आज की स्थिति में समाज की दयनीय हालात और बड़े पैमाने पर बहुजन समाज में व्याप्त बेरोजगारी, भविष्य की चिंताओं सहित अलग-अलग जगह पर समाज के सदस्यों पर अत्याचारों, खोए जा रहे अधिकारों जैसे विषयों पर चर्चा होगी। जिन हालातों में संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज के विचारों पर अमल करना समय की मुख्य जरूरत है।
उन्होंने बताया कि सम्मेलन की शुरुआत भंते प्रज्ञा बोधि इंचार्ज तक्षिला महाबुद्ध विहार कदियां जी त्रिसरण पंचशील से करेंगे। जबकि इस सम्मेलन की अगुवाई दल के संरक्षक राजीव कुमार लवली करेंगे। जबकि सम्मेलन की देखरेख का जिम्मा दल के प्रधान बंसी लाल प्रेमी के पास होगा। मुख्य वक्ता के रूप में राजरत्न अंबेडकर, कनाडा से एनआरआई चंचल मल होंगे। इसके अलावा, काफी बुद्धिजीवी भी पहुंच रहे हैं, जिनमें डॉक्टर, वकील, इंजीनियर इत्यादि वर्गों से जुड़े लोग भी शामिल होंगे। सम्मेलन को बड़ा रूप लेकर सिख, बौद्ध, जैन, दलित व पिछड़ा, अल्पसंख्यक समाज बड़े पैमाने पर शामिल होने जा रहा है। जिसका संदेश पूरे पंजाब में ही नहीं, पूरे भारत में जाएगा, ताकि समाज की ख्याति को एक बार फिर से प्राप्त किया जा सके।
इस दौरान अन्य के अलावा, चेयरमैन करनैल सिंह सिंह, प्रवक्ता अजय शुक्ला, मुस्लिम विंग के प्रधान नादिर लुधियानवी, नंद लाल बौद्ध, राम निवास मौर्य, मौती खान भी मौजूद रहे।