सोनीपत,18मार्च,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- उक्त बातें स्थानीय विद्यायक सुरेंद्र पंवार ने जारी एक बयान में कही । पंवार ने कहा कि वो हर हाल में महिला पत्रकार को न्याय दिलवाकर रहेंगे चाहे इस के लिये उन्हें सड़को पर ही क्यों न उतरना पड़े। साथ ही पंवार ने कहा वो जल्द ही मामले में न्याय की मांग को ले कर पुलिस अधीक्षक सोनीपत से मिलेंगे। महिला पत्रकार के साथ लाखो की धोखाधड़ी व मिली जान से मारने की धमकी में एक नया ड्रामा रचते हुये अपराधियों ने जो एक महीना पहले समझौते का दबाव बनाने की नीयत से निराधार झूठा मारपीट जो मुकदमा महिला पत्रकार व उन के पति के खिलाफ दर्ज करवाया था। उस की मानसिक व सामाजिक पडताड़ना महिला पत्रकार आज भी झेल रही है। इस झूठे मुकदमे को खारिज करवाने व दोषियों के खिलाफ ipc की धारा 182 के तहत कार्यवाही की मांग को ले कर महिला पत्रकार कई बार पुलिस अधीक्षक सोनीपत से मिल लिखित प्रार्थना पत्र दे चुकी है। महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल, व जिला व्यापार मंडल के अद्यक्ष संजय सिंगला के साथ महिला पत्रकार उप पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह से भी मिली थी। जितेंद्र सिंह ने मामले में तुरत कार्यवाही का आस्वासन देते हुये कुछ दिन का समय मांगा था । लेकिन आज इस झूठे मुकदमे को ले कर 1 महीना हो गया है। कोई भी उचित कार्यवाही नही हुई ऐसे में महिला पत्रकार मानसिक व सामाजिक पडताड़ना झेलने को मजबूर है। महिला पत्रकार को एक संम्बल तब मिला जब उन स्थानीय विधायक सुरेंद्र पंवार का समर्थन मिला , जिस में स्थानीय विधायक ने हर हाल में जल्द से जल्द महिला पत्रकार को न्याय दिलवाने की बात कही ओर दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की बात कही। अब देखना ये है गृहमंत्री अनिल विज के आदेशो की कई बार धज्जियां उड़ा चुकी सोनीपत पुलिस स्थानीय विद्यायक सुरेंद्र पंवार की बातों पर भी कहाँ तक अमल करती है।
यह था महिला पत्रकार के साथ लाखों की धोखाधड़ी व मिली जान से मारने की धमकी व उसी पर मार पीट का झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का मामला
सोनीपत की महिला पत्रकार इंदु बंसल ने बताया कि उन्हों ने आशीष व उस के पिता मुकेश ने एंड्रायड एप्प बनवाने के लिए मेरे से संपर्क किया ।जब उन्हों ने सायबर क्राइम का सहारा ले उसने उल जलूल पैसे वसूल करने शुरू कर दिए तो मैंने आशीष पांचाल से पक्के बिल मांगे तो इसने मुझे देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे IBM, GOOGLE, GODADDY, VIDEO WIHSPER व अन्य कई कम्पनियों के बिलों की प्रतिलिपि मुझे दी l उनमें से कई बिलों पर जीएसटी भी चार्ज किया गया। इसके कुछ दिन बाद मेरे एक परिचित का फोन आया जिसने मुझे बताया कि आशीष ने किस प्रकार धोखाधड़ी करके आपसे पैसे ऐंठे हैं व उसने साइबर क्राइम करके उसने आपका फ़ोन भी हैक किया है और आपकी एंड्राइड एप्प को बार-बार क्रैश करके आपसे पैसे ऐंठता है l साथ ही उसने यह भी बताया था की प्रयागराज कुम्भ मेले में इंडिया टीवी के नाम से फ्रॉड करने का मामला सामने आया था। उसका मुख्य सूत्रधार भी आशीष ही था l तब मैंने आशीष के दिए हुए बिलों के बारे में उन कंपनियों से ईमेल के माध्यम से बात की तो उन कंपनियों ने ईमेल के माध्यम से जवाब में कहा कि सभी बिल नकली हैं । मैंने अपने संपर्क और संबंधों के जरिए जब इस पूरे मामले की छानबीन की तो पता चला कि आशीष ने मेरे साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी की है तथा उसने उल जलूल पैसे मुझे धोखा देकर वसूले हैं।मैंने आशीष से संपर्क कर मामले की जानकारी दी और कहा कि तुमने जो मेरे साथ फ्रॉड किया है इंसानियत के नातेचुप चाप गलती मानते हुए हमारी रकम लौटा दो।उसने हमारे साथ किये गए फ्रेड की रकम लौटाना तो दूर ऊपर से हमें ही जान से मारने की धमकी देने लगा।उसने हमारी बनाई गई एंड्रायड एप को भी हैक कर लिया तथा हमारा सारा काम ठप कर दिया।विवश होकर हमने स्थानीय पुलिस को इसकी शिकायत दी।राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते अपराधियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई।हमारे पुलिस में शिकायत करने के बाद तो आशीष उसके पिता मुकेश और भाई सचिन ने हमारे घर पर आकर भी हमें परिवार सहित जान से मारने तक की धमकी दी।
विवश होकर हमने गृह मंत्री अनिल विज को अपनी दरखास्त लगाई और उनके निर्देश पर गठित की गई एसआईटी के माध्यम से पूरी निष्पक्ष जांच हुई।तब कहीं जाकर पिता पुत्र के खिलाफ संगीन धाराओं 406, 420,467,468और471के तहत मामला दर्ज हुआ।माननीय गृह मंत्री के निर्देश के बावजूद भी पुलिस का रवैया हमेशा नकारात्मक ही बना रहा।ए डी ए पुलिस की ओपिनियन के बाद भी कुछ धाराएं जानबूझ कर नहीं लगाई गई।जैसे कि आईटी एक्ट की धारा, 506 व 120 बी जान बूझकर नहीं लगाई गई।
इतना ही नहीं शातिर अपराधियों को पुलिस अधीक्षक व गृह मंत्री के आदेशों के बावजूद भी गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने जाने किस दबाव में आरोपियों को काफी दिनों के बाद एडवांस बेल लगाने की छूट दे दी।इसके बाद जिला सत्र न्यायालय से आरोपियों की जमानत रद्द होने के बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।कुछ राजनैतिक दबाव के चलते सोनीपत पुलिस पीडित महिला पत्रकार पर लगातार समझौते का दबाव बनाए हुए है।अब सवाल यह उठता है कि पुलिस का काम नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाना है या फिर पीड़ित पर ही विभिन्न तरीकों से दबाव बनाकर समझौते के लिए प्रताडित करना।फिर चाहे पुलिस को पीड़ित के विरुद्ध ही झूठी एफआईआर ही दर्ज क्यों न करनी पड़े।
सोनीपत पुलिस की कार्यप्रणाली का हाल यह है कि पीडि़त फरियादी महिला पत्रकार को तो विभिन्न हथकंडों से प्रताडित किया जा रहा है जबकि अपराधी मजे से खुले घूम रहे हैं।पीडित महिला पत्रकार इन्दू बंसल ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने की नीयत से उसके व उसके पति नवीन बंसल के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया है और उन्हें गिरफ्तार करने हेतु उनके परिजनों को लगातार प्रताडित किया जा रहा है।ऐसे में वह निरंतर खौफ के साए में जीने को मजबूर है।सुश्री बंसल का कहना है कि न जाने किसके दबाव में पुलिस मुझे न्याय दिलाने की बजाय आरोपियों से समझौते हेतु पूरी ताकत लगा रही है। इस झूठे व निराधार मुकदमे को खारिज कर दोषियों के खिलाफ़ ipc की धारा 182 के तहत कार्यवाही की मांग महिला पत्रकार महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल व व्यापार मंडल के अद्यक्ष संजय सिंगल व शहर के अन्य गणमान्य लोगों के साथ मिल पुलिस अधीक्षक सोनीपत से कर चुकी है। महिला पत्रकार का कहना है कि वो हर हाल में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर रहेगी। चाहे उन के खिलाफ़ कितने ही झूठे मुकदमे दर्ज क्यों न हो जाये। बंसल के अनुसार आरोपी और पुलिस एक ही भाषा बोल रहे हैं और उसके पति को रेप व एस.सी./एस.टी एक्ट जैसी संगीन धाराओं में फंसाने की धमकी भी खुलेआम दे रहे हैं। इसी सप्ताह महिला पत्रकार के साथ पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग को ले कर गृहमंत्री अनिल विज से भी मिले और आरोपियों पर अविलंब कार्रवाई कर अपने पद का दुरुपयोग करने वाले पुलिस कर्मचारियों का इलाज करने की मांग भी की।इस मामले में राज्य के कई पत्रकार संगठनों ने भी शीघ्र ही मुख्यमंत्री व देश के गृहमंत्री अमित शाह से मिल कर सभी दोषियों पर ठोस कार्रवाई कराने का निर्णय लिया है चाहे वह कितना ही बड़ा रसूख वाला क्यों न हो ?