दिल्ली :- (प्रेम विवाह) अपने देश में विवाह करना आसान है पर प्रेम विवाह करना उतना ही मुश्किल। राजनीतिक समीकरण से ज़्यादा समीकरण तो प्रेम विवाह के दौरान बिठाने पड़ते हैं। अभी हाल ही में इसी प्रेम के चक्कर में लड़की के घरवालों ने लड़के की हत्या कर दी। इसके अलावा पूरे देश भर में खाप पंचायत के कानून सुनने को तो आ ही जाते हैं।
प्रेम विवाह के मामले को लेकर याचिका की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा बयान दिया है। झूठी शान को लेकर प्रेम विवाह को रोकने के लिए की जाने वाली बत्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना रवैय्या सख्त कर लिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने इस मामले में कहा है कि दो व्यस्क अगर शादी कर रहे हैं तो किसी तीसरे को इसमें बोलने का अधिकार नहीं है।
चाहें पैरंट्स हों, समाज हो या फिर कोई और हो, कोई भी ऐसे मामले में दखल नहीं दे सकता। कोई भी व्यक्तिगत या सामूहिक तौर पर शादी में दखल देने का अधिकार नहीं रखता। हमें खाप पंचायतों के अधिकारों की चिंता नही है। हमें सिर्फ शादी करने वाले युगलों की चिंता है। शादी चाहे अच्छी हो या फिर बुरी, हमें उससे बाहर ही रहना चाहिए।