चंडीगढ़ 18 अगस्त 2020,चैनल88 न्यूज़ (इन्दु/नवीन बंसल):- हरियाणा और पंजाब के बीच मंगलवार सतलुज यमुना लिंक नहर यानी एसवाईएल मुद्दे पर बैठक हुई। जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह में चर्चा हुई। इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे।
आपको बता दें कि 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को लेकर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को बातचीत कर मामले को सुलझाने को कहा था और इसमें मध्यस्थता करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत के लिए 3 सप्ताह का समय दिया था। अब बातचीत की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में रखी जाएगी।
यह विवाद करीब 44 साल पुराना है. 24 मार्च 1976 को केंद्र सरकार ने पंजाब के 7.2 एमएएफ यानी मिलियन एकड़ फीट पानी में से 3.5 एमएएफ हिस्सा हरियाणा को देने की अधिसूचना जारी की थी। पूर्वी पीएम इंदिरा गांधी ने 8 अप्रैल, 1982 को पंजाब के पटियाला जिले के कपूरई गांव में इस योजना का उद्घाटन किया था। 24 जुलाई, 1985 को राजीव-लोंगोवाल समझौते को लागू किया गया था और पंजाब ने नहर के निर्माण के लिए अपनी सहमति दी थी लेकिन समझौता के जमीन पर लागू नहीं होने के बाद हरियाणा ने 1996 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
दरअसल पंजाब के राजनेता पड़ोसी राज्य हरियाणा के साथ पानी साझा करने के पक्ष में नहीं हैं। पंजाब द्वारा नहर के लिए अधिग्रहित किए गए संबंधित किसानों को भूमि वापस करने के लिए एक विधेयक पारित करने के बाद स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। नहर को भी मिट्टी से भर दिया गया है जो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ था।