चंडीगढ़ 29 जुलाई 2020,चैनल88 न्यूज़(इन्दु/नवीन बंसल):- एसवाईएल नहर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सख्त रूप अख्तियार करते हुए कहा कि दोनों राज्यों के बीच यह वार्ता उच्चतम राजनीतिक स्तर पर की जानी चाहिए और अगर दोनों राज्य ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो वे स्पष्ट बता दें। इस पर इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधायक अभय सिहं चौटाला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ये यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री ने हरियाणा की जीवनरेखा कहलाने वाली एसवाईएल का पानी हरियाणा के लोगों को मिले इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया और वो इस मुद्दे को लेकर गंभीर नही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 नवम्बर 2016 को हरियाणा के हक में फैसला सुनाते हुए पंजाब को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वह हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दे। हमने उस समय भी कहा था कि मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से मिल के केन्द्र की किसी एजेंसी द्वारा एसवाईएल का निर्माण करवाना चाहिए। अगर उस वक्त हमारी बात मानी होती तो एसवाईएल बन चुकी होती लेकिन हरियाणा के हक में आदेश आने के बावजूद भी पानी न दिला पाने पर पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री दोषी हैं। भाजपा सरकार हमेशा से ही किसान विरोधी रही है इनके द्वारा दादूपुर-नलवी नहर सिंचाई परियोजना को भी रद्द किया गया जो किसान विरोधी निर्णय था।
उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा की जीवन रेखा है। एसवाईएल का पानी हरियाणा को मिले इसके लिए हमने 23 फरवरी 2016 से जलयुद्ध आंदोलन शुरू किया था उस समय इस आंदोलन में शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों के सांसदों, विधायकों और प्रमुख नेताओं को पत्र लिखा था लेकिन यह लड़ाई अकेले इनेलो ने पांच चरणों में लड़ी। पंजाब के बार्डर पर नहर की खुदाई करने गए, जहां हमें पांच दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि इसके लिए हमने दिल्ली में पाॢलयामैंट का घेराव किया और पुलिस की लाठियां खाई। इसी प्रकार विरोध जताने और अपना हक लेने के लिए पंजाब के लोगों का रास्ता रोकने का काम किया। हरियाणा की पंचायतों द्वारा रेजुलेशन लिख कर प्रधानमंत्री को भेजेे गए। हमने दिल्ली के रामलीला मैदान में रैल्ली कर केन्द्र की सरकार को ज्ञापन सौपां। इसके लिए हमने जेल भरो आंदोलन भी किया तथा हजारों की संख्या में गिरफ्तारियां दी।
इनेलो नेता ने कहा अब भी समय है मुख्यमंत्री को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए प्रधानमंत्री से मिल क र हरियाणा को अपने हक का पानी मिले उसके लिए जल्द से जल्द किसी सरकारी एजेंसी द्वारा एसवाईएल नहर का निर्माण करवाया जाए।