लुधियाना, 21 सितम्बर (ब्यूरो)-पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी आगामी 21 अक्तूबर को होने वाले उप-चुनाव में सभी चार विधान सभा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। स्थानीय पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी और गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल साईंसिज़ यूनिवर्सिटी में शुरू हुए क्रमवार दो दिवसीय किसान मेला और पशु पालन मेला के उद्घाटनी समारोह के दौरान पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी प्रगतिशील और कल्याण योजनाओं के दम पर आगामी उप-चुनाव लडऩे और जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है।उन्होंने कहा कि राज्य के लोग पंजाब सरकार की तरफ से पिछले ढाई सालों के दौरान राज्य के विकास के लिए किये गए प्रयासों को ध्यान में रखकर अपने वोट का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के हक में करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले हुए आमचुनाव की तरह राज्य के लोग विरोधी पार्टियों के प्रतिगामी और बाँटने वाली राजनीति को नकार देंगे।पत्रकारों द्वारा पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि करतारपुर साहिब में दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं पर पाकिस्तान की तरफ से लगाए जाने वाले 20 अमरीकी डॉलर जजिय़ा कर के बारे में उन्होंनेे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि इस कर को ख़त्म करवाया जाये जिससे सिख संगत को इस पवित्र धार्मिक स्थान के खुले दर्शन दीदार हो सकें। उन्होंने कहा कि भारत वाले हिस्से में बहुत तेज़ी से बन रहे करतारपुर कॉरीडोर से संगत को इस पवित्र स्थान के आसानी से दर्शन हो सकेंगे, जिसका पाकिस्तान को सत्कार करना चाहिए।इससे पहले किसान मेले में एकत्रित हुए बड़ी संख्या में किसानों को मुख्यमंत्री ने श्री गुरु नानक देव जी के ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व के सत्कार के तौर पर पराली को न जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से फसलों के अवशेष का प्रबंधन करने के लिए किसानों को मुहैया करवाई जा रही मशीनरी से न केवल पराली को जलाने से रोकने में मदद मिलेगी बल्कि उत्पादन और किसानों की ख़ुशहाली में भी विस्तार होगा। बताने योग्य है कि इस बार के किसान मेले का विषय भी श्री गुरु नानक देव जी की बाणी की तुक ‘पवन गुरू पानी पिता माता धरत महत्त’ रखा है, जो कि 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पराली जलाना जहाँ वातावरण के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है वहीं धरती और मानवीय स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेय है। उन्होंने किसानों को न्योता दिया कि वह पराली प्रबंधन मशीनरी पर दी जा रही 50-80 प्रतिशत सब्सिडी का भरपूर लाभ लें। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने साल 2018 -19 के दौरान किसानों को 269.38 करोड़ रुपए की लागत से 28600 खेती यंत्र मुहैया करवाए जबकि साल 2019-20 के दौरान भी किसानों को 28000 यंत्र मुहैया कराने के लिए 273.80 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से गुरदासपुर में शूगरकेन रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट विकसित करने के साथ-साथ मोहाली में एग्रीकल्चरल मार्केट इनोवेशन रिसर्च एंड इंटेलिजेंस सैंटर स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोहाली सैंटर किसानों को फ़सलीय विविधता के अंतर्गत विविध फसलों के मंडीकरण में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने किसानों को भूजल के दिनो दिन गिर रहे स्तर को रोकने के लिए फ़सलीय विविधता को अपनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने पहले ही 10 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को धान के अधीन से निकाल कर कम पानी के प्रयोग वाली फसलों के अधीन लाने का नक्षा तैयार किया हुआ है।फ़सलीय विविधता के लिए पंजाब सरकार की तरफ से किये जा रहे प्रयासों का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लाडोवाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेज़ रिसर्च स्थापित किया जा रहा है, जबकि श्री अमृतसर साहिब में पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ हार्टिकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को फ़सलीय विविधता के लिए किये जा रहे प्रयासों के चलते राज्य में मक्का, बासमती और कपास अधीन क्षेत्रफल में उत्साहजनक विस्तार दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि भूजल को बचाने के लिए बूंद सिंचाई प्रणाली पर 80-90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा पानी बचाओ पैसा कमाओ योजना के अंतर्गत किसानों को बिजली और पानी बचाने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा रही है।उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक तौर पर मज़बूत करने के लिए किसान उत्पादन संस्था को उत्साहित करने और बज़ारीकरण की सहूलतें मुहैया कराने के लिए नीतियाँ लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कृषि से सम्बन्धित शिक्षा में सुधार लाने के लिए पंजाब स्टेट कौंसिल फॉर एग्रीकल्चरल एजुकेशन एक्ट, 2017 लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वालिटी इनपुट्स और सफ़ेद मक्खी पर तीखी निगरानी के चलते राज्य में कपास की खेती की वापसी हुई है, नतीजतन पिछले तीन सालों के दौरान इसके उत्पादन में रिकार्ड विस्तार दर्ज किया गया है।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खोज और पसार गतिविधियों में दूसरी बार मार्च 2019 में आई. सी. ए. आर. बैस्ट इंस्टीच्यूशन अवॉर्ड जीतने वाली पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी द्वारा खेती के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की प्रसंशा की। इस मौके पर उन्होंने पी. ए. यू. और गडवासू द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंनेे प्रगतिशील किसानों दलीप सिंह को ‘उजागर सिंह धालीवाल’ सम्मान के साथ, जगतार सिंह को ‘प्रवासी भारतीय’ पुरुस्कार के साथ, रुबाश सिंह जाखड़़ को ‘दलीप सिंह धालीवाल’ पुरुस्कार, परमजीत कौर को ‘जगबीर कौर यादगारी’ पुरुस्कार के साथ और जिला जालंधर के गाँव हरिपुरा की पंचायत को ‘भाई बाबू सिंह बराड़ सर्वोत्तम पोंड’ पुरुस्कार के साथ सम्मानित किया।इस दौरान पंजाब के सहकारिता और जेल विभाग के कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी की तरफ से किसानों को नयी खेती तकनीकें, खोज और उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को किये जा रहे जागरूकता प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वह देश के 10 करोड़ दूध उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर रीजनल कम्प्रीहैंसिव इक्नॉमिक पार्टनरशिप समझौते को रद्द करने बारे कहें। उन्होंने मुख्यमंत्री को 550वें प्रकाश पर्व के संदर्भ में कलानौर में स्थापित होने वाले शूगरकेन रिसर्च एंड ट्रेनिंग सैंटर और कृषि कॉलेज को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए भी हिदायतें जारी करने की अपील की। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि पंजाब सरकार पी. ए. यू. को शोध कार्यों में तेज़ी लाने के लिए अपेक्षित मात्रा में फंड मुहैया कराएं।इससे पहले स्वागती भाषण देते हुए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों ने किसानों को न्योता दिया कि वह अपनी आय में वृद्धि करने के लिए सहायक धंधों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि पी. ए. यू. राज्य में सब्जियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए उपयुक्त मशीनरी लाने के लिए प्राथमिकता दे रहा है, जिससे खेती क्षेत्र को मज़बूती मिलेगी। उन्होंने किसानों को न्योता दिया कि वह यूनिवर्सिटी द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रचार-प्रसार का भरपूर लाभ लें।इस मौके पर दूसरों के अलावा लोकसभा मैंबर स. रवनीत सिंह बिट्टू, स. अमरीक सिंह ढिल्लों, स. कुलदीप सिंह वैद्य, श्री संजीव तलवार, स. लखबीर सिंह लक्खा (सभी विधायक), पंजाब लघु उद्योग विकास निगम के चेयरमैन श्री के. के. बावा, पंजाब मध्यम उद्योग विकास निगम के चेयरमैन स. अमरजीत सिंह टीक्का, पंजाब यूथ विकास बोर्ड के चेयरमैन स. सुखविन्दर सिंह बिंद्रा, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव श्री सुरेश कुमार, मुख्य सचिव स. करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) श्री विश्वजीत खन्ना, मुख्यमंत्री के ओ. एस. डी. स. दमनजीत सिंह मोही, नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर श्री शाम सुंदर मल्होत्रा, डिप्टी मेयर श्रीमती सरबजीत कौर, डिप्टी कमिश्नर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर श्री राकेश कुमार अग्रवाल और अन्य उपस्थित थे।