सीबीएससी बोर्ड तथा जिला शिक्षा अधिकारियों की कारगुजारी संदेह के घेरे में।
लुधियाना,3 मार्च,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो) : देश की राष्ट्रीय भाषा हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए जहां केन्द्र सरकार बेहद ही सराहनीय कार्य कर रही है, वहीं लुधियाना शहर का एक सीबीएससी स्कूल राष्ट्रीय भाषा हिंदी को तीसरी भाषा का दर्जा देकर इसका अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। यह स्कूल 9वीं,10वीं कक्षाओं के नए सैशन में राष्ट्रीय भाषा हिंदी तथा क्षेत्रीय भाषा पंजाबी को सिलेबस से अलग करके इन विषयों को पढ़ाने के लिए एक्सट्रा फीस वसूल रहा हैं। इसके लिए अभिभावकों से एक्सट्रा फीस के कंनसैंट फार्म भरवाए जा रहे है।
यह गौरखधंधा लुधियाना शहर के चंडीगढ़ रोड पर स्थित ग्रीनलैंड कान्वैंट स्कूल में चल रहा है, जहां भारी भरकम फीसें तथा हर साल मोटा तगड़ा डिवैलपमैंट फंड वसूलने के बावजूद हिंदी व पंजाबी जैसे अति जरूरी विषयों को तीसरी भाषा (थर्ड लैंगवेज) का वैकेल्पिक विषय बनाकर 300 रूपये की एक्सट्रा मंथली फीस/प्रति विषय वसूली जा रही है। जबकि राष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय भाषा होने के चलते 10वीं कक्षा तक हिंदी और पंजाबी पढ़े होना लाजमी है। क्योंकि केन्द्र तथा राज्य सरकार की किसी भी नौकरी में अप्लाई करते समय इन दोनों विषयों के 10वीं कक्षा तक पढ़े होने की शर्त रखी जाती है। जिससे स्कूल संचालक भी भलि भांति वाकिफ हैं। इसलिए इन दोनों विषयों को वैकल्पिक विषय बताकर अभिभावकों को ब्लैकमेल कर अपनी जेबें भर रहे है। इसके अलावा आई.टी. को भी वैकल्पिक विषय बताकर उसकी 500 रूपये/महीना एक्सट्रा फीस वसूली जा रही है।
वहीं दूसरी तरफ अभिभावकों का कहना है कि इस स्कूल की फीस शहर के बाकी सीबीएससी स्कूलों के मुकाबले पहले ही काफी ज्यादा/दोगुणी के करीब है। ऊपर से प्रत्येक वर्ष भारी भरकम डिवैलपमैंट फंड, मोनोपली पब्लिशर की मनमाने प्रिंट रेट वाली किताबें तथा आए दिन स्कूल यूनिफार्म खुद देकर सरेआम लूटा जा रहा है। मगर, शिक्षा के नाम पर अभिभावकों का खून चूस रहे ऐसे नरपिशाचों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने के चलते सीबीएससी बोर्ड तथा जिला शिक्षा अधिकारियों की कारगुजारी संदेह के घेरे में हैं। जबकि ऐसे लूट के अड्डों की मान्यता तुरंत रद्द की जानी चाहिए।