सोनीपत,26मई,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- सोनीपत में महिला पत्रकार व उन के पति के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मुकदमे को रद्द कराने व दोषियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई की मांग को लेकर आज पुनः यानि तीन महीने में तीसरी बार पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से लिखित प्रार्थना की।
पीड़ित महिला पत्रकार के अनुसार गत वर्ष उनके साथ कुछ लोगों ने साजिशन कई लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।जिसमें उनकी शिकायत पर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज द्वारा गठित एस आई टी की जांच में आरोपितों के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप सही पाए जाने पर अनेक संगीन धाराओं 406,420,467,468 और 471 के अंतर्गत मामला दर्ज होने व सभी पुख्ता सबूत उपलब्ध होने के बावजूद आज तक दोषियों की गिरफ्तारी न होना पुलिसिया कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है।इतना ही नहीं दोषियों ने पत्रकार दंपत्ति पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाए और बाद में पुलिस से मिली-भगत कर 22 फरवरी को पीड़ित पत्रकार दंपत्ति के ऊपर ही मारपीट का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया।
इस पूरे मामले में सोनीपत पुलिस की भूमिका पूर्णतया संदिग्ध और नकारात्मक रही। यानी जिन पर एसआईटी की जांच के बाद अनेक संगीन धाराओं में मामला दर्ज है, उन्हें तो पुलिस ने तकरीबन पांच महीने बीत जाने पर भी गिरफ्तार नहीं किया और उन आरोपियों की झूठी शिकायत पर मारपीट का झूठा मामला दर्ज कर पत्रकार दंपत्ति पर काफी दिनों तक गिरफ्तारी का दबाव बनाया जाता रहा। यानी अप्रत्यक्ष रूप से कहीं न कहीं दोषियों से समझौते के लिए पूरा दबाव बनाया जाता रहा।
जबकि पत्रकार दंपत्ति उनके विरुद्ध दर्ज किए गए मामले की पूरी जांच कर उचित कार्रवाई की मांग निरंतर पुलिस अधीक्षक महोदय से मिलकर लगातार करते आ रहे हैं। इस मामले में बीते दिनों सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार, पूर्व मंत्री कविता जैन व महिला आयोग हरियाणा की सदस्य सोनिया अग्रवाल ने भी महिला पत्रकार को अति सीघ्र न्याय दिलवाने की बात कही थी। लेकिन आज कई महीने बीत जाने पर भी महिला पत्रकार को न्याय नही मिला पाया है।
आज भी पीड़ित महिला पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक महोदय से व्यक्तिगत रूप से लिखित प्रार्थना की , कि मामले में पूरी जांच कर उचित कार्रवाई करें ताकि उनके परिवार को मानसिक और आर्थिक प्रताडना से मुक्ति मिल सके ओर दोषियों को सजा मिल सके।
आज पुलिस अधीक्षक सोनीपत ने पूरे मामले को गौर से सुना तथा अविलंब उचित कार्रवाई करने के आदेश डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह को दिए। इससे पीड़ित दंपति को न्याय मिलने की कुछ उम्मीद जगी है।