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महिला पत्रकार के ख़िलाफ़ साजिशन झूठा मुकदमा दर्ज करवाने वालो पर है पहले से कई मुकदमे दर्ज।

अपराधिक रिकॉर्ड है आसीस पांचाल व हिमांशु कौशिक का, गिरफ्तारी पर हो सकता है कई अपराधों का खुलासा;दोषियों को संरक्षण दे रही सोनीपत पुलिस?

सोनीपत,6 जून,चैनल88 न्यूज़ (ब्यूरो):- गृहमंत्री अनिल विज के आदेशों के बावजूद सोनीपत पुलिस की कमजोरी के चलते अपराधियों की गिरफ्तारी न होने के कारण इन दोषियों के हौसले इतने बुलंद हो गए थे कि 4 महीने पहले इन्हों ने महिला पत्रकार पर पुलिस से मिलीभगत कर समझौते का दबाव बनाने के लिए झूटा मारपीट का मुकदमा दर्ज करवा दिया था। आज 4 महीने बीत जाने पर भी सोनीपत पुलिस ने न तो इस झूठे मुकदमे को खारिज किया है और न ही इन दोषियों के खिलाफ 182 का पर्चा दर्ज कर कोई ठोस कानूनी कार्यवाही की ही। पुलिस के इस नकारात्मक रवैये के चलते महिला पत्रकार पिछले 1 साल से सामाजिक, मानसिक व आर्थिक पडताड़न झेलने को मजबूर है। महिला पत्रकार इस झूठे मुकदमे को रद्द कर दोषियों के खिलाफ 182 की कार्यवाही की मांग को ले कर 4 बार लिखित प्रार्थना पत्र सोनीपत पुलिस अधीक्षक जशनदीप रंधावा से निजी तौर पर मिल कर दे चुकी है। पर आज तक महिला पत्रकार को न्याय नही मिला है।
—-यह था महिला पत्रकार के साथ लाखों की धोखाधड़ी व मिली जान से मारने की धमकी व उसी पर मार पीट का झूठा मुकदमा दर्ज करवाने का मामला—
सोनीपत की महिला पत्रकार इंदु बंसल ने बताया कि उन्हों ने आशीष व उस के पिता मुकेश ने एंड्रायड एप्प बनवाने के लिए मेरे से संपर्क किया ।जब उन्हों ने सायबर क्राइम का सहारा ले उसने उल जलूल पैसे वसूल करने शुरू कर दिए तो मैंने आशीष पांचाल से पक्के बिल मांगे तो इसने मुझे देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कम्पनियां जैसे IBM, GOOGLE, GODADDY, VIDEO WIHSPER व अन्य कई कम्पनियों के बिलों की प्रतिलिपि मुझे दी l उनमें से कई बिलों पर जीएसटी भी चार्ज किया गया। इसके कुछ दिन बाद मेरे एक परिचित का फोन आया जिसने मुझे बताया कि आशीष ने किस प्रकार धोखाधड़ी करके आपसे पैसे ऐंठे हैं व उसने साइबर क्राइम करके उसने आपका फ़ोन भी हैक किया है और आपकी एंड्राइड एप्प को बार-बार क्रैश करके आपसे पैसे ऐंठता है l साथ ही उसने यह भी बताया था की प्रयागराज कुम्भ मेले में इंडिया टीवी के नाम से फ्रॉड करने का मामला सामने आया था। उसका मुख्य सूत्रधार भी आशीष ही था l तब मैंने आशीष के दिए हुए बिलों के बारे में उन कंपनियों से ईमेल के माध्यम से बात की तो उन कंपनियों ने ईमेल के माध्यम से जवाब में कहा कि सभी बिल नकली हैं lमैंने अपने संपर्क और संबंधों के जरिए जब इस पूरे मामले की छानबीन की तो पता चला कि आशीष ने मेरे साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी की है तथा उसने उल जलूल पैसे मुझे धोखा देकर वसूले हैं।मैंने आशीष से संपर्क कर मामले की जानकारी दी और कहा कि तुमने जो मेरे साथ फ्रॉड किया है इंसानियत के नातेचुप चाप गलती मानते हुए हमारी रकम लौटा दो।उसने हमारे साथ किये गए फ्रेड की रकम लौटाना तो दूर ऊपर से हमें ही जान से मारने की धमकी देने लगा।उसने हमारी बनाई गई एंड्रायड एप को भी हैक कर लिया तथा हमारा सारा काम ठप कर दिया।विवश होकर हमने स्थानीय पुलिस को इसकी शिकायत दी।राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते अपराधियों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई।हमारे पुलिस में शिकायत करने के बाद तो आशीष उसके पिता मुकेश और भाई सचिन ने हमारे घर पर आकर भी हमें परिवार सहित जान से मारने तक की धमकी दी।
विवश होकर हमने गृह मंत्री अनिल विज को अपनी दरखास्त लगाई और उनके निर्देश पर गठित की गई एसआईटी के माध्यम से पूरी निष्पक्ष जांच हुई।तब कहीं जाकर पिता पुत्र के खिलाफ संगीन धाराओं 406, 420,467,468और471के तहत मामला दर्ज हुआ।माननीय गृह मंत्री के निर्देश के बावजूद भी पुलिस का रवैया हमेशा नकारात्मक ही बना रहा।ए डी ए पुलिस की ओपिनियन के बाद भी कुछ धाराएं जानबूझ कर नहीं लगाई गई।जैसे कि आईटी एक्ट की धारा, 506 व 120 बी जान बूझकर नहीं लगाई गई।
इतना ही नहीं शातिर अपराधियों को पुलिस अधीक्षक व गृह मंत्री के आदेशों के बावजूद भी गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने जाने किस दबाव में आरोपियों को काफी दिनों के बाद एडवांस बेल लगाने की छूट दे दी।इसके बाद जिला सत्र न्यायालय से आरोपियों की जमानत रद्द होने के बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।कुछ राजनैतिक दबाव के चलते सोनीपत पुलिस पीडित महिला पत्रकार पर लगातार समझौते का दबाव बनाए हुए है।अब सवाल यह उठता है कि पुलिस का काम नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाना है या फिर पीड़ित पर ही विभिन्न तरीकों से दबाव बनाकर समझौते के लिए प्रताडित करना।फिर चाहे पुलिस को पीड़ित के विरुद्ध ही झूठी एफआईआर ही दर्ज क्यों न करनी पड़े।
सोनीपत पुलिस की कार्यप्रणाली का हाल यह है कि पीडि़त फरियादी महिला पत्रकार को तो विभिन्न हथकंडों से प्रताडित किया जा रहा है जबकि अपराधी मजे से खुले घूम रहे हैं। पीडित महिला पत्रकार इन्दू बंसल ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने की नीयत से उसके व उसके पति नवीन बंसल के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया है और उन्हें गिरफ्तार करने हेतु उनके परिजनों को लगातार प्रताडित किया जा रहा है।ऐसे में वह निरंतर खौफ के साए में जीने को मजबूर है। सुश्री बंसल का कहना है कि न जाने किसके दबाव में पुलिस मुझे न्याय दिलाने की बजाय आरोपियों से समझौते हेतु पूरी ताकत लगा रही है। इस झूठे व निराधार मुकदमे को खारिज कर दोषियों के खिलाफ़ ipc की धारा 182 के तहत कार्यवाही का भरोसा प्रदेश के कई नेता महिला पत्रकार को दिलवा चुके है। लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। महिला पत्रकार का कहना है कि वो हर हाल में आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर रहेगी। चाहे उन के खिलाफ़ कितने ही झूठे मुकदमे दर्ज क्यों न हो जाये। सुश्री बंसल के अनुसार आरोपी और पुलिस एक ही भाषा बोल रहे हैं और उसके पति को रेप व एस.सी./एस.टी एक्ट जैसी संगीन धाराओं में फंसाने की धमकी भी खुलेआम दे रहे हैं। पिछले दिनों महिला पत्रकार के साथ पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग को ले कर गृहमंत्री अनिल विज से भी मिला था और आरोपियों पर अविलंब कार्रवाई कर अपने पद का दुरुपयोग करने वाले पुलिस कर्मचारियों का इलाज करने की मांग भी की। इस मामले में देश-प्रदेश के कई पत्रकार संगठनों ने भी शीघ्र ही हरियाणा के मुख्यमंत्री व देश के गृहमंत्री अमित शाह से मिल कर सभी दोषियों पर ठोस कार्रवाई कराने का निर्णय लिया है चाहे वह कितना ही बड़ा रसूख वाला क्यों न हो ?

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